बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-5 पेपर-1 गृह विज्ञान बीए सेमेस्टर-5 पेपर-1 गृह विज्ञानसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-1 गृह विज्ञान - सरल प्रश्नोत्तर
प्रश्न- कलमकारी' छपाई का विस्तृत रूप से वर्णन करिए।
उत्तर -
यह भारत की मुख्य छपाईयों में से एक है। इस छपाई में सूती वस्त्र में हाथों से ब्लाक के द्वारा छपाई की जाती है। भारतवर्ष में वस्त्रों पर चित्रकारी की प्रक्रिया प्राचीन काल से चली आ रही है। प्राचीन ग्रन्थों में तथा भित्ति चित्रों में छपे हुए कपड़े तथा स्वदेशी रंगों से हाथ से की हुयी चित्रकारी देखने को मिलती है। भारतवर्ष में हर जगह अलग-अलग चित्रकारी देखने को मिलती है। जो उस जगह की संस्कृति को भी दर्शाती है। जैसे- केरल के भित्ति चित्र, राजस्थान की फड़ चित्रकारी, गुजराज की माता जी पछेड़ी तथा आन्ध्र प्रदेश तथा तेलांगना की कलमकारी। कलमकारी आन्ध्र प्रदेश की मुख्य चित्रकारी है।
कलमकारी का इतिहास - वस्त्रों पर चित्रकारी करने की इस कला को प्राचीन काल में 'वृथापानी' कहा जाता था। 12वीं तथा 13वीं शताब्दी में कलाहस्ती मंदिर से इसके साक्ष्य प्राप्त हुए थे। इस मंदिर से कलमकारी चित्रकारी से निर्मित वस्त्र प्राप्त हुए थे। इन वस्त्रों को मंदिर की दीवारों पर लटकाया गया था। जिसमें पौराणिक कथाओं, रामायण तथा महाभारत की घटनाओं का वर्णन किया गया था। इस चित्रकारी में अधिकतर लाल, नीले तथा काले रंगों का प्रयोग किया जाता था। यह कला प्राचीन काल से चली आ रही है। 16वीं शताब्दी में गोलकुंडा के कुतुब शाही सुल्तान ने इस कला का उत्थान किया तथा यह इसी समय से कलमकारी के नाम से प्रसिद्ध हो गयी। 'कलमकारी' शब्द की उत्पत्ति फारसी शब्द से हुयी है। कलमकारी के उत्थान में व्यापारियों ने भी अत्यन्त ही महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है क्योंकि भारतवर्ष के पारम्परिक वस्त्रों की मांग सदैव ही रही है कलमकारी वस्त्रों का प्रयोग मुगल शिवरों के कनात बनाने में भी प्रयोग किया जाता था।
कालमकारी के प्रकार - इसके दो रूप मुख्य रूप से विकसित हुए हैं -
1. मछलीपट्नम कलमकारी (Masulipatnam)
2. श्रीकलाहस्ती कलमकारी (Sri Kalahasti)
1. मछलीपट्नम कलमकारी - इस कलमकारी में मुख्य रूप से पादप रंगों का प्रयोग किया जाता है। इन रंगों को लकड़ी से निर्मित ब्लाक की सहायता से वस्त्रों पर किया जाता है। इस चित्रकारी के लिए जो वस्त्र उपयोग में लाए जाते हैं वह मछलीपट्नम में बनाया जाता है। प्राचीन काल में इस शैली से निर्मित वस्त्रों तथा वस्तुओं को मुगलकाल में सजावट के तौर पर इस्तेमाल किया जाता था। मछलीपट्नम को कलमकारी का जन्म स्थान माना जाता है।
2. श्री कलाहस्ती कलमकारी - इस शैली का प्रयोग आन्ध्र प्रदेश में कलाहस्ती मंदिर में हुआ। कलाहस्ती मंदिर में इस शैली से निर्मित वस्त्र प्राप्त हुए जिन पर पौराणिक कथाओं की घटनाओं के चित्र बने हुए थे। इस चित्रकारी को बनाने के लिए कलम का प्रयोग किया जाता था। पहले चित्र के बाहरी रेखाओं को कलम के माध्यम से वस्त्र पर बना लिया जाता है। इन बाहरी रेखाओं को बनाने के लिए लाल रंग का प्रयोग किया जाता है तथा इसके बाद इसको काले तथा प्राकृतिक रंगों की सहायता से भरा जाता है। इस शैली को 'Vrathapani' वृथापानी कहा जाता है।
कलमकारी की विधि - कलमकारी दोनों प्रकारों में भिन्न-भिन्न तरीकों से प्रयोग में लायी जाती है। मछलीपट्नम में इस चित्रकारी को करने के लिए ब्लाक का प्रयोग किया जाता है तथा श्री कलाहस्ती में इस चित्रंकपि को करने के लिए एक विशेष प्रकार के कलम का प्रयोग किया जाता है। श्रीकलाहस्ती शैली में कलाकारों को समय ज्यादा लगता है। इस शैली के लिए जिस कलम का प्रयोग किया जाता है उसे बाँस के छोटे टुकड़े या खजूर के पत्तों के तिनकों से बनाया जाता है। इस कलम के एक हिस्से को नुकीला रखा जाता है जिससे बाहरी किनारों तथा बाहरी रेखाओं को बनाया जा सके। लकड़ी पर एक कपड़े को बाधा जाता है तथा इसके दूसरे सिरे पर धागा बाधा जाता है जिससे यह कलम स्पंज की तरह कार्य कर सके। इसके लिए जिस काले रंग का प्रयोग किया जाता है उसे लोहे के चूरे, पानी तथा गुड़ के घोल से तैयार किया जाता है जिसको 'कासिमी' कहते हैं इस घोल का प्रयोग करने से पहले इस घोल की इक्कीस दिन तक रखा जाता जिससे इसमें खमीर पैदा हो सके। इस कलम से इसी रंग के द्वारा बाहरी रेखाओं को रंगा जाता है।
इस चित्रकारी में कपड़े पर डिजाइन बनाने के लिए इमली के पेड़ की टहनियों को जलाने से जो कोयला प्राप्त होता है, उसका प्रयोग वस्त्र पर डिजाईन बनाने के लिए होता है।
आज विश्वभर में कलमकारी से निर्मित साड़ियाँ तथा दुपट्टे लोकप्रिय हैं। विश्व में हर जगह इनकी मांग है। पहनने के वस्त्रों के साथ-साथ कलमकारी चित्रकारी के पेंटिंग की मांग अत्यधिक है इसे लोग दीवारों पर बड़ी ही शान से लगाते हैं। बड़े-बड़े होटलों में दीवारों पर इस प्रकार की चित्रकारी देखने को मिल जाती है। ये चित्रकारी देखने में तो आकर्षक लगती ही है तथा साथ में यह हमारी संस्कृति को भी दर्शाती है।
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- प्रश्न- विभिन्न प्रकार की बुनाइयों को विस्तार से समझाइए।
- प्रश्न- निम्नलिखित पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए। 1. स्वीवेल बुनाई, 2. लीनो बुनाई।
- प्रश्न- वस्त्रों पर परिसज्जा एवं परिष्कृति से आप क्या समझती हैं? वस्त्रों पर परिसज्जा देना क्यों अनिवार्य है?
- प्रश्न- वस्त्रों पर परिष्कृति एवं परिसज्जा देने के ध्येय क्या हैं?
- प्रश्न- निम्नलिखित पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए। (1) मरसीकरण (Mercercizing) (2) जल भेद्य (Water Proofing) (3) अज्वलनशील परिसज्जा (Fire Proofing) (4) एंटी-सेप्टिक परिसज्जा (Anti-septic Finish)
- प्रश्न- परिसज्जा-विधियों की जानकारी से क्या लाभ है?
- प्रश्न- विरंजन या ब्लीचिंग को विस्तापूर्वक समझाइये।
- प्रश्न- वस्त्रों की परिसज्जा (Finishing of Fabrics) का वर्गीकरण कीजिए।
- प्रश्न- कैलेण्डरिंग एवं टेण्टरिंग परिसज्जा से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- सिंजिइंग पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- साइजिंग को समझाइये।
- प्रश्न- नेपिंग या रोयें उठाना पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- निम्नलिखित पर टिप्पणी लिखिए - i सेनफोराइजिंग व नक्काशी करना।
- प्रश्न- रसॉयल रिलीज फिनिश का सामान्य परिचय दीजिए।
- प्रश्न- परिसज्जा के आधार पर कपड़े कितने प्रकार के होते हैं?
- प्रश्न- कार्य के आधार पर परिसज्जा का वर्गीकरण कीजिए।
- प्रश्न- स्थायित्व के आधार पर परिसज्जा का वर्गीकरण कीजिए।
- प्रश्न- वस्त्रों की परिसज्जा (Finishing of Fabric) किसे कहते हैं? परिभाषित कीजिए।
- प्रश्न- स्काउअरिंग (Scouring) या स्वच्छ करना क्या होता है? संक्षिप्त में समझाइए |
- प्रश्न- कार्यात्मक परिसज्जा (Functional Finishes) किससे कहते हैं? संक्षिप्त में समझाइए।
- प्रश्न- रंगाई से आप क्या समझतीं हैं? रंगों के प्राकृतिक वर्गीकरण को संक्षेप में समझाइए एवं विभिन्न तन्तुओं हेतु उनकी उपयोगिता का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- वस्त्रोद्योग में रंगाई का क्या महत्व है? रंगों की प्राप्ति के विभिन्न स्रोतों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- रंगने की विभिन्न प्रावस्थाओं का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- कपड़ों की घरेलू रंगाई की विधि की व्याख्या करें।
- प्रश्न- वस्त्रों की परिसज्जा रंगों द्वारा कैसे की जाती है? बांधकर रंगाई विधि का विस्तार से वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- बाटिक रंगने की कौन-सी विधि है। इसे विस्तारपूर्वक लिखिए।
- प्रश्न- वस्त्र रंगाई की विभिन्न अवस्थाएँ कौन-कौन सी हैं? विस्तार से समझाइए।
- प्रश्न- वस्त्रों की रंगाई के समय किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
- प्रश्न- डाइरेक्ट रंग क्या हैं?
- प्रश्न- एजोइक रंग से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- रंगाई के सिद्धान्त से आप क्या समझते हैं? संक्षिप्त में इसका वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- प्राकृतिक डाई (Natural Dye) के लाभ तथा हानियाँ क्या-क्या होती हैं?
- प्रश्न- प्राकृतिक रंग (Natural Dyes) किसे कहते हैं?
- प्रश्न- प्राकृतिक डाई (Natural Dyes) के क्या-क्या उपयोग होते हैं?
- प्रश्न- छपाई की विभिन्न विधियों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- इंकजेट (Inkjet) और डिजिटल (Digital) प्रिंटिंग क्या होती है? विस्तार से समझाइए?
- प्रश्न- डिजिटल प्रिंटिंग (Digital Printing) के क्या-क्या लाभ होते हैं?
- प्रश्न- रंगाई के बाद (After treatment of dye) वस्त्रों के रंग की जाँच किस प्रकार से की जाती है?
- प्रश्न- स्क्रीन प्रिटिंग के लाभ व हानियों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- स्टेन्सिल छपाई का क्या आशय है। स्टेन्सिल छपाई के लाभ व हानियों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- पॉलीक्रोमैटिक रंगाई प्रक्रिया के बारे में संक्षेप में बताइए।
- प्रश्न- ट्रांसफर प्रिंटिंग किसे कहते हैं? संक्षिप्त में समझाइए।
- प्रश्न- पॉलीक्रोमैटिक छपाई (Polychromatic Printing) क्या होती है? संक्षिप्त में समझाइए।
- प्रश्न- भारत की परम्परागत कढ़ाई कला के इतिहास पर संक्षेप में प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- सिंध, कच्छ, काठियावाड़ और उत्तर प्रदेश की चिकन कढ़ाई पर संक्षेप में प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- कर्नाटक की 'कसूती' कढ़ाई पर विस्तार से प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- पंजाब की फुलकारी कशीदाकारी एवं बाग पर संक्षिप्त लेख लिखिए।
- प्रश्न- टिप्पणी लिखिए : (i) बंगाल की कांथा कढ़ाई (ii) कश्मीर की कशीदाकारी।
- प्रश्न- कच्छ, काठियावाड़ की कढ़ाई की क्या-क्या विशेषताएँ हैं? समझाइए।
- प्रश्न- कसूती कढ़ाई का विस्तृत रूप से उल्लेख करिए।
- प्रश्न- सांगानेरी (Sanganeri) छपाई का विस्तृत रूप से विवरण दीजिए।
- प्रश्न- कलमकारी' छपाई का विस्तृत रूप से वर्णन करिए।
- प्रश्न- मधुबनी चित्रकारी के प्रकार, इतिहास तथा इसकी विशेषताओं के बारे में बताईए।
- प्रश्न- उत्तर प्रदेश की चिकन कढ़ाई का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- जरदोजी कढ़ाई का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
- प्रश्न- इकत शब्द का अर्थ, प्रकार तथा उपयोगिता बताइए।
- प्रश्न- पोचमपल्ली पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- बगरू (Bagru) छपाई का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
- प्रश्न- कश्मीरी कालीन का संक्षिप्त रूप से परिचय दीजिए।
- प्रश्न- भारत के परम्परागत वस्त्रों पर संक्षिप्त में एक टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- भारत के परम्परागत वस्त्रों का उनकी कला तथा स्थानों के संदर्भ में वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- चन्देरी साड़ी का इतिहास व इसको बनाने की तकनीक बताइए।
- प्रश्न- हैदराबाद, बनारस और गुजरात के ब्रोकेड वस्त्रों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- बाँधनी (टाई एण्ड डाई) का इतिहास, महत्व बताइए।
- प्रश्न- टाई एण्ड डाई को विस्तार से समझाइए |
- प्रश्न- कढ़ाई कला के लिए प्रसिद्ध नगरों का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- पटोला वस्त्रों का निर्माण भारत के किन प्रदेशों में किया जाता है? पटोला वस्त्र निर्माण की तकनीक समझाइए।
- प्रश्न- औरंगाबाद के ब्रोकेड वस्त्रों पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- गुजरात के प्रसिद्ध 'पटोला' वस्त्र पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- पुरुषों के वस्त्र खरीदते समय आप किन बातों का ध्यान रखेंगी? विस्तार से समझाइए।
- प्रश्न- वस्त्रों के चुनाव को प्रभावित करने वाले तत्वों का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- फैशन के आधार पर वस्त्रों के चुनाव को समझाइये।
- प्रश्न- परदे, ड्रेपरी एवं अपहोल्स्ट्री के वस्त्र चयन को बताइए।
- प्रश्न- वस्त्र निर्माण में काम आने वाले रेशों का चयन करते समय किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
- प्रश्न- रेडीमेड (Readymade) कपड़ों के चुनाव में किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
- प्रश्न- अपहोल्सटरी के वस्त्रों का चुनाव करते समय किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
- प्रश्न- गृहोपयोगी लिनन (Household linen) का चुनाव करते समय किन-किन बातों का विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता पड़ती है?
- प्रश्न- व्यवसाय के आधार पर वस्त्रों के चयन को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- सूती वस्त्र गर्मी के मौसम के लिए सबसे उपयुक्त क्यों होते हैं? व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- अवसर के अनुकूल वस्त्रों का चयन किस प्रकार करते हैं?
- प्रश्न- मौसम के अनुसार वस्त्रों का चुनाव किस प्रकार करते हैं?
- प्रश्न- वस्त्रों का प्रयोजन ही वस्त्र चुनाव का आधार है। स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- बच्चों हेतु वस्त्रों का चुनाव किस प्रकार करेंगी?
- प्रश्न- गृह उपयोगी वस्त्रों के चुनाव में ध्यान रखने योग्य बातें बताइए।
- प्रश्न- फैशन एवं बजट किस प्रकार वस्त्रों के चयन को प्रभावित करते हैं? समझाइये |
- प्रश्न- लिनन को पहचानने के लिए किन्ही दो परीक्षणों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- ड्रेपरी के कपड़े का चुनाव कैसे करेंगे? इसका चुनाव करते समय किन-किन बातों पर विशेष ध्यान दिया जाता है?
- प्रश्न- वस्त्रों की सुरक्षा एवं उनके रख-रखाव के बारे में विस्तार से वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- वस्त्रों की धुलाई के सामान्य सिद्धान्त लिखिए। विभिन्न वस्त्रों को धोने की विधियाँ भी लिखिए।
- प्रश्न- दाग धब्बे कितने वर्ग के होते हैं? इन्हें छुड़ाने के सामान्य निर्देशों को बताइये।
- प्रश्न- निम्नलिखित दागों को आप किस प्रकार छुड़ायेंगी - पान, जंग, चाय के दाग, हल्दी का दाग, स्याही का दाग, चीनी के धब्बे, कीचड़ के दाग आदि।
- प्रश्न- ड्राई धुलाई से आप क्या समझते हैं? गीली तथा शुष्क धुलाई में अन्तर बताइये।
- प्रश्न- वस्त्रों को किस प्रकार से संचयित किया जाता है, विस्तार से समझाइए।
- प्रश्न- वस्त्रों को घर पर धोने से क्या लाभ हैं?
- प्रश्न- धुलाई की कितनी विधियाँ होती है?
- प्रश्न- चिकनाई दूर करने वाले पदार्थों की क्रिया विधि बताइये।
- प्रश्न- शुष्क धुलाई के लाभ व हानियाँ लिखिए।
- प्रश्न- शुष्क धुलाई में प्रयुक्त सामग्री व इसकी प्रयोग विधि को संक्षेप में समझाइये?
- प्रश्न- धुलाई में प्रयुक्त होने वाले सहायक रिएजेन्ट के नाम लिखिये।
- प्रश्न- वस्त्रों को स्वच्छता से संचित करने का क्या महत्व है?
- प्रश्न- वस्त्रों को स्वच्छता से संचयित करने की विधि बताए।